Tuesday, September 23, 2008

वर्षा की बूँदें

"रिमझिम वर्षा की छोटी बूँदें
उछल उछल कर आती हैं
इधर फुदकतीं, उधर फुदकतीं
जीवन का गीत सुनाती हैं"

"ये मोती सी सुंदर बूँदें
जग में खुशियाँ फैलाती हैं
अम्रत है इनका हर एक कण
सबको जीवन दे जाती हैं"

"छोड़ आकाश का रैन बसेरा
धरा की प्यास बुझाती हैं
ये बलिदान कर अपना जीवन
जग में हरियाली फैलाती हैं"

"रिमझिम वर्षा की छोटी बूँदें
उछल उछल कर आती हैं
दे तन मन को ठंडी आभा
मन प्रसन्न कर जाती हैं"

"रिमझिम वर्षा की छोटी बूँदें
उछल उछल कर आती हैं"

"अक्स"

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