"कुछ की होगी खता हमने,
जो ये महामारी आयी है,
बनकर एक काल दंश जो,
पूरी मानवता पर छाई है"
"किया जंगल से खिलवाड़ कहीं,
कहीं नदियों में आग लगाई है,
विकास की एक झूठी जिद ने,
आफत दुनिया पर ढाई है"
"चमगादड़ की लेकर आड़ कहीं,
हमने प्रकृति की हंसी उड़ाई है,
जैविक हथियार की अंधी दौड़ में,
अपनो की ही मौत बनाई है"
"कोई खून के आंसू रोता है,
कोई सब अपनो को खोता है,
सब लिए सिलेंडर भाग रहे,
साँसों की अब ये लड़ाई है"
"ना अस्पताल में बेड कहीं,
ना ही मिल रही दवाई है,
एक एक इंजेक्शन पर लड़ मरे सब,
अब यहां हर कोई आततायी है"
" निज़ाम सो रहा घोड़े बेच,
हो रही न कोई सुनवाई है,
प्रजा का सुनकर हो हल्ला,
उसने कानो में रुई जमाई है"
"खुद ही करना, खुद ही भरना,
लोगो को सीख ये आयी है,
है राजा ना कोई, रंक यहां,
ये महामारी सबको सिखलाई है"
"करना होगा हमे गहन विचार,
क्यों ये महामारी आयी है"
'अक्स'