Wednesday, December 11, 2013

"एक अजन्मे बच्चे के मन के भाव"

"हे माँ, धरा ये कैसी है,
कैसा है नील गगन प्यारा,
कैसे अविरत बहती सरिता है,
निर्मल जो तन मन कर देती सारा"

"हे माँ, पवन क्यूँ बहती है,

जो सबको जीवन देती है,
पुष्पों में सुगंध भरी किसने,
जो महकाती है जग सारा"

"हे माँ, होते हैं चाँद सितारे क्या,

करता है कौन इन्हे रोशन,
इतनी क्यूँ आग उगलता है सूरज,
घबराता जिससे ये जग सारा"

"हे माँ,ये सुख दुख होते क्या,

क्यूँ उलझा है हर कोई इनमे,
होते हैं रिश्ते नाते क्या'
लगता जिनमे हर कोई प्यारा"

"हे माँ, मेरा मन उत्सुक है,

कब मैं ये दुनिया देखूँगा,
खेलूँगा कब तेरी गोदी में,
कब सबमें खुशियाँ बाटूँगा"

"अक्स"

Monday, June 24, 2013

"मेरे पूजनीय माता पिता को समर्पित"

"उंगली पकड़ मुझे चलना सिखाया,
देकर सहारा मुझे उठना सिखाया,
निरा मिट्टी का एक ढेला भर था मैं तो,
घड़ घड़ जिसे तुमने इंसान बनाया"

"जीवन की पहली पाठशाला तुम्ही थे,
तुम्ही में पहला गुरु मैने पाया,
पहला सबक जीवन का पढ़ाया तुम्ही ने
बन पथ प्रदर्शक हमेशा जो काम आया"

"मेरी खातिर भुला दी रातों की नींद अपनी,
मगर मुझे सुख चैन की नींद सुलाया,
सहे कितने ही दुख तुमने मेरी वजह से,
खुशियों के पालने में मुझको झूलाया"

"जीवन की हर कठिन डगर पर संभाला तुम्ही ने,
बीन काँटे पग में फूलों का गळीचा बिछाया,
तुम्हारा ये क़र्ज़ चुकाने की ना हैसियत मेरी,
मैं हूँ भाग्यशाली, आपको माता पिता मैने पाया"

"अक्स"

Wednesday, May 1, 2013

"हलाहल"


"ख़यालो की बहती हवा से गुज़रता,
तुम्हारा वो पहलू मुझे याद है,
छल छलाती पलकों से बहती नमी का,
वो पत्थरों को भी बहाना याद है"

"तुम्हारी तड़प से दिल धरती का दहला,
अभी भी वो मुझे घर का थरथराना याद है,
करता रहा कवायद तेरा गम मैं पी लूँ,
पर मुझे वो हलाहल का तड़पाना याद है"

"रातों की ये खामोशी मुझे करती है बेकल,
तेरा चाँदनी में गुनगुनाना याद है,
कभी शान था जो इस बहार ए चमन का,
धूल में उस फूल का मिल जाना याद है"
"अक्स"