Tuesday, September 29, 2015

फ़लसफ़े

'अंधेरो में रोशनी की किरण ढूँढ लेंगे,
 गमों में खुशी का एक पल ढूँढ लेंगे,
 कहती है जिसको जफ़ा ये सारी दुनिया,
 हम उस फ़लसफ़े में भी वफ़ा ढूँढ लेंगे"

"है फैला चहुं ओर बेखयाली का आलम,
हम इस आलम में भी एक अदा ढूँढ लेंगे,
तरसते रहे किसी की सरपरस्ती को हर पल,
अब खुदी में हम अपना रह्बर ढूँढ लेंगे"


"है तेरी सदा का इतना असर देख 'अक्स',
वीराने में भी आज गुल खिल उठे हैं,
हो ऐसा ही जज़्बा हर एक दिल में तो क्या,
ना हम दुनिया के लिए सुकून ढूँढ लेंगे"

'अक्स'

Sunday, May 10, 2015

" माँ "

"बच्चो की एक आह पर जिसका कलेजा हिल जाए,
दर्द औलाद को हो और आँख उसकी भर आए,
जो हमे फूलों पर सुला खुद कांटो पर सोती है,
हमे सुलाने की खातिर रात भर अपनी नींद खोती है,
वो माँ होती है, वो माँ होती है"
"कहते है परिवार एक फलदार व्रक्ष है,
पिता जिसका तना और औलाद फल होती है,
पर लोग ये क्यूँ भूल जाते हैं अक्सर,
कि इस पेड़ को जो जड़ सींचती ओर संभालती है,
वो माँ होती है, वो माँ होती है"
"हमारी हर अनकही अभिलाषा समझकर पूरा करती,
हमारे ताने ओर झिड़कियाँ सुनकर भी कुछ ना कहती है,
हम अपनी मस्ती में उसे भूल भी जाएँ तो क्या,
हर कदम हर पल हमारी सलामती की दुआ करती है,
वो माँ होती है, वो माँ होती है"
"भगवान का ज़मीन पर आना मुश्किल था,
अपनी बनाई दुनिया में निभाना मुश्किल था,
तो उसने हमे एक सौगात दे दी कुछ इस तरह,
जिसके आँचल में शांति और चरणो में जन्नत होती है,
वो माँ होती है, वो माँ होती है"
"अक्स"