'अंधेरो में रोशनी की किरण ढूँढ लेंगे,
गमों में खुशी का एक पल ढूँढ लेंगे,
कहती है जिसको जफ़ा ये सारी दुनिया,
हम उस फ़लसफ़े में भी वफ़ा ढूँढ लेंगे"
"है फैला चहुं ओर बेखयाली का आलम,
हम इस आलम में भी एक अदा ढूँढ लेंगे,
तरसते रहे किसी की सरपरस्ती को हर पल,
अब खुदी में हम अपना रह्बर ढूँढ लेंगे"
"है तेरी सदा का इतना असर देख 'अक्स',
वीराने में भी आज गुल खिल उठे हैं,
हो ऐसा ही जज़्बा हर एक दिल में तो क्या,
ना हम दुनिया के लिए सुकून ढूँढ लेंगे"
'अक्स'
गमों में खुशी का एक पल ढूँढ लेंगे,
कहती है जिसको जफ़ा ये सारी दुनिया,
हम उस फ़लसफ़े में भी वफ़ा ढूँढ लेंगे"
"है फैला चहुं ओर बेखयाली का आलम,
हम इस आलम में भी एक अदा ढूँढ लेंगे,
तरसते रहे किसी की सरपरस्ती को हर पल,
अब खुदी में हम अपना रह्बर ढूँढ लेंगे"
"है तेरी सदा का इतना असर देख 'अक्स',
वीराने में भी आज गुल खिल उठे हैं,
हो ऐसा ही जज़्बा हर एक दिल में तो क्या,
ना हम दुनिया के लिए सुकून ढूँढ लेंगे"
'अक्स'
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