Friday, May 25, 2012

हसरत

"उसकी हसरतों के नाम हमने ज़िंदगानी कर दी,
उसको पाने की खातिर हर मुश्किल बेमानी कर दी,
वो हँसती रही मेरी खाक हो चुकी हस्ती पर,
क्या जाने वो हमने खुद हर खुशी बेमानी कर दी"

"उसकी राह के काँटे चुन लिए अपने दामन में,
आबाद कलियों से उसके घर की हर गली कर दी,
आँसू कर लिए जज़्ब हमने अपने सीने में,
और लबो पर मुस्कान की एक झूठी कहानी कर दी"

"वो बेवफा खुश थी हमे इस कदर गम देकर,
एक इशारे पर जिसके निसार ये जवानी कर दी,
नज़रे इनायत के बदले मिली बेरूख़ी हमको अक्स,
यूँ उम्र भर तड़पने की दौलत हमारे नाम कर दी"

"अक्स"

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