" फूलों सा रंग ले के आया है यार मेरा,
खुश्बू से उस कली की महका है अंगना मेरा,
जूही की है कली वो या चंपा की है सहेली,
मादकता लिए गुलाब सी आया है यार मेरा"
" हैं पंखुड़ी सरीखे, अधर उस परी के,
झीलों से गहरी आँखें जिनमे है नूर ठहरा,
लता सी है बलखाए वो पतली कमर उसकी,
ज़ुल्फो में घिरता बादल लाया है यार मेरा"
" वो कस्तूरी सरीखी खुश्बू उस बदन की,
लिए हिरनी सी चपलता आया है यार मेरा,
आने से उसके हो गयी रंगीन मेरी दुनिया,
ये प्यार का कैसा खुमार लाया है यार मेरा"
" अक्स"
"
"
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