Sunday, September 13, 2020

नारी शक्ति

"माँ, बहन, बीवी और बेटी, जाने कितने किरदार निभाती है,

नारी के ही बस में है, हर गम सहकर मुस्कुराती है,

देती है जहाँ अनगिनत कुर्बानियाँ, अपनो की खातिर,

वहीं रणचंडी बन, दुश्मन का लहू भी पी जाती है"


"घर के अंदर हो या बाहर, चलती है मिलाकर कंधे से कंधा,

अपने शौर्य और कारनामो से सबको चकित कर जाती है,

घर की रसोई या जंग का मैदान, सब बराबर उसके लिए,

यहाँ दिल में उतरे , वहाँ दुश्मन के सीने पर चढ़ जाती है"


"ना जाने अभी ओर कितने कीर्तिमान गढ़ने हैं उसको,

हर कदम नयी सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ती जाती है,

ज़िंदगी की हर चुनौती को हराने का माद्दा लिए,

सबको साथ लेकर आगे बढ़ना, बस नारी ही कर पाती है,

सबको साथ लेकर आगे बढ़ना, बस नारी ही कर पाती है"


'अक्स'


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