"दिल-ए-गुमराह को राह पर लाया जाए,
बड़ा नादान है,इसे कुछ सिखलाया जाए,
यूँ तो कहने को हर शख्स यहाँ जिंदा है,
है मज़ा जब हर धड़कन का लुत्फ़ उठाया जाए"
"पत्थर के घरोंदो में अब जज़्बात नही बसते,
प्यार की ख़ुश्बू से हर चमन को महकाया जाए,
पड़ चुकी है जो ठंडी, बदलते समय की धारा में,
रिश्तों की उस गर्माहट को उफान पे लाया जाए"
"आज हर एक यहाँ अपने आप में ही गुम है,
ज़रा कुछ वक़्त औरो के लिए भी निकाला जाए,
पत्थर भी पिघलकर पानी बन सकता है अक्स,
अगर दिल में कुछ कर गुजरने का हौंसला जगाया जाए"
"अक्स"
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1 comment:
"पत्थर के घरोंदो में अब जज़्बात नही बसते,
प्यार की ख़ुश्बू से हर चमन को महकाया जाए,
पड़ चुकी है जो ठंडी, बदलते समय की धारा में,
रिश्तों की उस गर्माहट को उफान पे लाया जाए"
bahut khoob sir
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