Tuesday, November 4, 2008

मौत

"इस जिन्दगी का क्या भरोसा
क्या करिए इसका ऐतबार
है ये एक बेवफा प्रेमिका
जो लूट ले जाए करार"

"मौत है सच्ची दोस्त अपनी
अपने साथ ले कर जाती है
ये न कभी जिंदगी की तरह
पल-पल हमें तडपाती है "

"हम खाए बैठे हैं जिंदगी से खार यारो
ये जिंदगी न अब हमें भाती है
अब तो बस इंतज़ार है हमें मौत का
जाने कब गले मिलने आती है "

"अक्स"

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