Friday, June 20, 2014

दुश्वरियाँ

"मेरा दिल  तेरे दर्द से रोता क्यूँ है,
पलको को तेरे अश्को से भिगोता क्यूँ है,
जब तू चला गया मुझे यूँ तन्हा छोड़कर,,
तेरी यादों के काँटे मेरे जिगर में चुभोता क्यूँ है"

"कोशिश तो बहुत की तुझे भूल जाने की,
तेरी यादों के भंवर से निकल आने की,
किनारे पर रोते आशिको को देखा तो समझ आया,
समुंदर का पानी इतना खारा क्यूँ है"

"ज़माने भर की दुश्वरियाँ मुझको देकर,
तेरा दिल खुशियों से आबाद क्यूँ कर हुआ,
बर्बादी की तो कभी हमने परवाह ही नही की,
फिर दुनिया मेरे गम से यूँ परेशान सी क्यूँ है"

"अक्स"