Monday, June 24, 2013

"मेरे पूजनीय माता पिता को समर्पित"

"उंगली पकड़ मुझे चलना सिखाया,
देकर सहारा मुझे उठना सिखाया,
निरा मिट्टी का एक ढेला भर था मैं तो,
घड़ घड़ जिसे तुमने इंसान बनाया"

"जीवन की पहली पाठशाला तुम्ही थे,
तुम्ही में पहला गुरु मैने पाया,
पहला सबक जीवन का पढ़ाया तुम्ही ने
बन पथ प्रदर्शक हमेशा जो काम आया"

"मेरी खातिर भुला दी रातों की नींद अपनी,
मगर मुझे सुख चैन की नींद सुलाया,
सहे कितने ही दुख तुमने मेरी वजह से,
खुशियों के पालने में मुझको झूलाया"

"जीवन की हर कठिन डगर पर संभाला तुम्ही ने,
बीन काँटे पग में फूलों का गळीचा बिछाया,
तुम्हारा ये क़र्ज़ चुकाने की ना हैसियत मेरी,
मैं हूँ भाग्यशाली, आपको माता पिता मैने पाया"

"अक्स"