Monday, September 27, 2010

हिन्दी

"जो सबके मन को हर्षाती,
दिल को दिल से जो जुड़वाती,
हिन्दी ही है एक वो भाषा,
जो शहर प्रांत का भेद मिटाती"

"हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई,
सबके मुख पर ये चढ़ जाती,
एक दूजे के लिए बढ़ा प्रेम ये,
सबको प्रेम का पाठ पढ़ाती"

"सबके दिल में बसती है ये,
राजभाषा हिन्दी सबका आदर पाती,
प्रांत को प्रांत ओर देश को दिल से,
जोड़ हिन्दी देश का मुकुट कहलाती"

"अक्स"

Tuesday, September 21, 2010

सवाल

"तेरी बेवफ़ाई के गम से भरा दिल,
ना जाने तेरे लिए बेकरार क्यूँ है,
मुझे तुझसे नफ़रत है या फिर मुहब्बत,
ज़िंदगी इन सवालो से परेशान क्यूँ है"

"वो तेरे ज़िंदगी भर साथ निभाने के वादे,
मेरी मंज़िल तेरी रहो से गुमनाम क्यूँ है,
कभी मेरी ज़िंदगी में नूर बरसाती तेरी आँखें,
उजाला आज मेरी चौखट से नाराज़ क्यूँ है"

" वो तेरी कोयल सी मीठी बोली,
मेरा आँगन आज उन गीतो से अंजान क्यूँ है,
जो कभी हमारे दिल में रहती थी धड़कन बनकर,
दिल आज उसी धड़कन से वीरान क्यूँ है"

"अक्स"

Friday, September 17, 2010

स्वप्न

"जाने क्यूँ मेरे दिल की धड़कन,
तेरी एक आहट से रुक जाती है,
हवा में फैली तेरे बदन की सौंधी खुश्बू,
मेरे अंतर्मन को भी महका जाती है"

"मोती से चमकते तेरे नैनो की चपलता,
मृग को भी एकबारगी भ्रमित कर जाती है,
पलको का आवरण कुछ यूँ लगे है इन पर,
ज्यों गोरी लाज से घूँघट में सिमट जाती है"

"ठगा सा खड़ा रह जाता हूँ मैं बस,
ज्यों कोई नागिन बीन से बंध जाती है,
तेरे सम्मोहन में फँसता जाता हूँ बस,
तुझमे ही मुझे मेरी दुनिया नज़र आती है"

"अक्स"