"आज फिर कोई अपना मुझे याद आया है
दिल का दर्द काग़ज़ पर उतर आया है
बहने लग पड़ा है अतीत के पन्नो पर
जिनमे छुपा प्यारा सा कोई साया है"
"इस जहाँ में मैं किसे अपना कह दूँ
सभी ने मुझे यहाँ ठुकराया है
गैरो से करूँ भला शिकवा क्यूँ कर
जबकि मेरा साया भी अब पराया है"
"ठोकरें खाई हैं पल पल यहाँ मैने
दर्दो गम की वह्सत दिल में उभर आई है
तलाश में ना जाने किसकी साहिल
राह पर लगी नज़रों में नमी उतर आई है"
"जब कभी किसी को मैने माना अपना
उसी ने मुझे ज़िंदगी के हाथो छलवाया है
तमन्ना है फिर भी हासिल हो उसे तमाम खुशियाँ
जिसने मुझे इस मुकाम पर पहुँचाया है"
"अक्स"
Sunday, February 22, 2009
Monday, February 9, 2009
अस्तित्व
"मैं अकेला ही खड़ा हूँ दुनिया के मयखाने में,
अजब गजब से रंग भरे हैं जीवन के पैमाने में,
चखता रहता हूँ मैं इनको,बदल बदल कर अपना मन,
फिर भी नहीं है मिलता चैन मुझको इस जमाने में"
"शॅमा ओर परवाने का किस्सा,जहाँ ये कहता रहता है,
समय नहीं मिला है मुझे,खुद को आज जलाने में,
चाँद चकोरी की वो व्यथा,गुजरती है मेरे भी दिल से,
टीस उठी है जो एक दिल में, दब जाती नज़राने में "
"जाने क्या एहसास महकता रहता है मेरे इस दिल में,
समय नहीं मिलता जो लिख दूँ, उसको आज अफ़साने में,
परी कथा से लगते हैं सब, मुझको अपने सारे सपने,
कुछ भी नहीं अस्तित्व जिनका, दुनिया के वीराने में"
अजब गजब से रंग भरे हैं जीवन के पैमाने में,
चखता रहता हूँ मैं इनको,बदल बदल कर अपना मन,
फिर भी नहीं है मिलता चैन मुझको इस जमाने में"
"शॅमा ओर परवाने का किस्सा,जहाँ ये कहता रहता है,
समय नहीं मिला है मुझे,खुद को आज जलाने में,
चाँद चकोरी की वो व्यथा,गुजरती है मेरे भी दिल से,
टीस उठी है जो एक दिल में, दब जाती नज़राने में "
"जाने क्या एहसास महकता रहता है मेरे इस दिल में,
समय नहीं मिलता जो लिख दूँ, उसको आज अफ़साने में,
परी कथा से लगते हैं सब, मुझको अपने सारे सपने,
कुछ भी नहीं अस्तित्व जिनका, दुनिया के वीराने में"
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