Sunday, December 21, 2008

पहली नज़र

"जब मैने देखा उसे पहली बार
में देखता रहा उसे बार बार
कोई नूर था उसके चेहरे में ऐसा
लगा मुझे हो गया उससे प्यार"

"सच में वो था पहली नज़र का प्यार
जो कर गया मेरे मन को बेकरार
जब बेकरारी में मैं हो गया जार जार
पूछा किसी से क्या यही है प्यार"

"कहा उसने ना ज़मीन पर, ना आसमान पर
है कोई नहीं जो बताए क्या है प्यार
सृष्टि के कण कण में फैला है प्यार
ये वही बतलाए जिसे हुआ हो प्यार"
कैसे मिले इस बैचेनी से मन को करार"

"पर जब मैने देखा उसे अगली बार
उसकी आँखों में भी झलका था प्यार
वो भी थी कुछ कहने को बेकरार
यही था हमारा पहली नज़र का प्यार"


"अक्स"

दुनिया का खेल

"दुनिया है एक अजब तमाशा
लगता है सबको अच्छा सा
झूंठे हैं सब रिश्ते इसके
कोई नहीं है यहाँ किसी का"

"लगते हैं सब खेल खिलोने
जिन्हे चलाता उपर वाला
कब कौन मिलेगा,कौन बिछ्डेगा
समझ नहीं कोई ये पाता"

"फसें हैं हम भी मोहज़ाल में
है कोई प्यारा सा हमे जो भाता
मन कहता है छोड दे सब
पथ पर कोई नज़र ना आता"

"दुनिया के हैं खेल निराले
लगते हैं सब भोले भाले
फिर भी नहीं कोई सुहाता
ये दुनिया है एक अजब तमाशा"

"अक्स"

दर्द ए दिल

"हमारे गमो का नहीं कोई ठिकाना
जिसे ना किसी ने समझा ना किसी ने जाना
समझते रहे हम जिसे उमर भर अपना
बना गया वही हमे पल भर में बेगाना"

"देते रहे दुआ रहो खुश उमर भर
पर ना मिलने कभी हमसे आना
कर दिया अंत दो लफ़्ज़ों में कहानी का
कोई बताए हमे क्या अब मतलब ज़िंदगानी का"

" बन गयी है ज़िंदगी अब नीरस नाकाम
जीना पड़ेगा उमर भर पीते हुए दर्द ए दिल का जाम"

"अक्स"

साया

"दूर कहीं बादलों के सामें
एक तस्वीर नज़र आती है
कुछ धुंधली, कुछ गुमसुम्म सी
हर पल खामोश नज़र आती है"

"वो नाराज़ है शायद मुझसे
तभी ना देख मुस्कुराती है
आता हूँ शायद नज़र जब उसको
आँखें उसकी छलक जाती हैं"

"उसको मनाने का मन बना रहा हूँ
वो मुझे देखने से भी कतराती है
दो पल सुकून को आँखें बंद करता हूँ
वो तस्वीर दिल में उभर आती है"

"अक्स"

ख्वाब

"मेरे ख्वाबो में हर पल
एक अक्स उभरता रहता है
पल में बनता , पल में बिगड़ता
हर वक़्त सँवारता रहता है"

"वो मेरा ख़याल है या चाहत
मेरा दिल ये पूछता रहता है
नहीं जानता खुद ये साहिल
हर वक़्त तड़पता रहता है"

"वो ख़याल कब बनेगा हक़ीकत
हर पल सोचता रहता है
ख़याल ओ ख्वाब की जद्दोजेहद में
वो अक्स उभरता रहता है"

"अक्स"

ख़याल

"वो एक खूबसूरत सा चेहरा
आज भी याद आता है
जिसकी मुस्कुराहट को याद कर
दिल मेरा तार तार हो जाता है"

"वो प्यारा मासूम सा चेहरा
जैसे हो अधखिली कली गुलाब की
या हो पूनम रात का चाँद
पर आज शायद अस्त हो गया है"

"उसे याद कर आँखें भीग जाती हैं
दिल से याद फिर भी ना जाती है
कभी कभी लगता है मुझको साहिल
मेरे दिल में धड़कन उसी चेहरे से आती है"

"पर जल्द ही ये भ्रम टूट जाता है
ओर वो खूबसूरत चेहरा फिर याद आता है"

"अक्स"

आरज़ू

“तेरे ख्वाबो में आने की आरज़ू है मेरी
तेरी नींदें चुराने की आरज़ू है मेरी
तू अगर चाहे तो भी मुझे भूल ना सके
तेरी आँखों में बस जाने की आरज़ू है मेरी”

“तेरी राहों से मैं सारे कांटें चुन लूँ
उनमें फूल बिछाने की आरज़ू है मेरी
जिस ओर से भी गुज़रे तू ए दोस्त मेरे
वो गली खुशबू से भर दूँ आरज़ू है मेरी”

“हो तुझे गम भी अगर ज़िंदगी में कोई
दर्द से मैं तड्पूं आरज़ू हैं मेरी
तू करे बहाना भी मरने का अगर साहिल
ख़याल तेरा हो मुझे मौत आए आरज़ू है मेरी”

“तेरे ख्वाबों में आने की आरज़ू है मेरी
तेरी नीदें चुराने की आरज़ू है मेरी”

"अक्स"

Friday, December 19, 2008

प्यार

"उन आँखों की झील सी गहराई में
ना जाने मेरा दिल कब खो गया
ना एहसास हुआ तनिक भी मुझको
बस एक लहर उठी ओर प्यार हो गया"

"जाने क्यूँ मैं बहता गया उनमे
हर किनारा मुझसे दूर हो गया
मैं घिरा रहा उसकी जुल्फों की छाँव में
जाने कब सवेरा जाने कब अंधेरा हो गया"

"उसकी बातों के जादू से मैं बच ना पाया
बस उसकी ही ओर मैं खींचा चला आया
उस गुलाब से चेहरे का कोई जवाब नहीं
जिसकी खुशबू ने मेरा जीवन महकाया"

"मेरी ज़िंदगी का हर रुख़ ही मोड़ दिया उसने
जाने क्यूँ मैं भी बदले बिना रह ना पाया
उसी का ही एहसास महका है मेरे जीवन में
उसने ही मेरे अरमानो को यूँ उड़ना सिखाया"

"अक्स"